UNDERSTANDING FIRST C PROGRAM IN HINDI
#include <stdio.h>
main()
{
printf("Hello World");
system("pause");
}
#include<stdio.h> ये stdio.h हेडर(header ) फाइल है |हर c program में इस header फाइल को होना ही चाहिए | हम #include लिखकर stdio.h हेडर(header ) फाइल को अपने c program में जोर लेते है |यहाँ # एक preprocessor(प्रीप्रोसेस्सर) है जिसे include से पहले लिखना होता है इस preprocessor के बारे में हम बाद में और भी बदेंगे | इस stdio.h हेडर(header ) फाइल में कई अलग-अलग तरह के कामों को करबाने के लिए पहले से ही कुछ function(फंक्शन) बनाकर रखे गए है जिन्हें built-in function कहते है |इन built-in function का उपयोग हमे अपने program में करना होता है इसीलिए हम इस stdio.h हेडर(header ) फाइल को अपने c program में जोरते है जैसे की हमने अपने पहले program में printf() का उपयोग किया है ये printf() को हमारा compiler इसलिय समझ पाया क्योंकी हमने program में stdio.h हेडर(header ) फाइल को include किया है या कहिये की हेडर(header ) फाइल को जोर है |कई और भी header फाइल होते है जिनका उपयोग हम आगे सीखेंगे |
main() ये एक function है और इसके बाद से ही curly brackets { } शुरु होता है { जो program के अंत में खत्म होता है } | अभी हम जो program बनाएंगे उन सब में सारे code को इस main(){ } के अंदर ही लिखेंगे | अगर हम main() फंक्शन के बाहर कुछ लिखे तो इसका एक तरीका है जो हम बाद में पदेंगे |फिलहाल आप इतना समझो की हम header फाइल (#include<stdio.h>) को छोरकर बाकी सब main(){ } के अंदर ही लिखेंगे
printf(“Hello World “); ये printf(“ ”); वाक्य moniter के screen(स्क्रीन) पर कुछ लिखा हुआ दिखने के लिए उपयोग किया जाता है | हमने यहाँ printfके अंदर hello world लिखा है तो
जब ये program चलाया जायेगा तो हम screen(स्क्रीन) पर hello world लिखा देखेंगे आप यहाँ hello world के जगह अपना नाम या जो आप चाहे लिख सकते है | लेकिन याद रहे सबकुछ इन ” ” चिन्हों के अंदर होना चाहिये जैसे “your name” और जब सब लिख ले तो इस ; चिन्हों का उपयोग ना भूले जैसे printf(“your name “);
system(“pause”); इसका उपयोग आप चाहे तो करे चाहे तो ना करे लेकिन मैंने इसका उपयोग इसलिए किया क्योंकि dev Cpp में जब program को चलाया(run) करबाया जाता है तो वो काला सा स्क्रीन किसपर output लिखकर आता है वो अपने आप बंद भी हो जाता है ये system(“pause”); कोड output बाले स्क्रीन को रोके रखता है और आप output को देख पातें है | turbo c compiler में इस code की जरुरत नहीं |आप dev Cpp में भी system(“pause”); के बिना program चलाकर अंतर देखें |
आगे हम variables बनाना करना सीखेंगे |लेकिन तब तक आप निम्नलिखित program के code को अच्छे से समझो और compiler पर चलाकर देखें |इन्हे copy ना करे अपने आप compiler पर लिखें |
उदाहरण 1 )
#include<stdio.h>
main()
{
printf(“This is santosh mahato”);
printf(“I am from mano.com”);
printf(“if you like this website then please tell your friends on facebook” );
}
उदाहरण 2 )
#include<stdio.h>
main()
{
printf(“This is santosh mahato\n”);
printf(“I am from mano.com\n”);
printf(“if you like this website then please tell your friends on twitter\n” );
}
दोनों उदाहरण में आप देख सकते है की उदाहरण 2 में \n का उपयोग हुआ है |इसके उपयोग से पहले उदाहरण के तरह output में तीनों लाइन एक साथ नहीं दीखते है |जब आप program को चलाएंगे तो खुद समझ जाएंगे |
Note:-
जब आप program को चलते है तो अगर output वाला काला screen अगर तुरंत बंद हो जाता है तो आप program code के अंत में system(“pause”); लिख सकते है या आप header में #include<stdio.h> के साथ #include<conio.h> लिखके और अंत में getch(); लिख सकते है
उदाहरण 1 )
#include <stdio.h>
#include<conio.h>
main()
{
printf("Hello World");
getch();
}
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