क्यों ठीक से सीखना जरूरी है C?
C Language in Hindi: वास्तव में आज जितनी भी Modern Programming Languages उपलब्ध हैं, वे सभी “C” Language पर ही आधारित हैं। यदि आप “C” Language को अच्छी तरह से सीख लेते हैं, तो आपको दुनियां की किसी भी Programming Language को सीखने में ज्यादा समय नहीं लगता। साथ ही “C” Language पर आपकी जितनी अच्छी पकड होती है, उतनी ही आसानी से आप किसी भी अन्य Programming Language को सीख पाते हैं।
हालांकि “C” Programming Language को 1969 के आसपास Develop किया गया था, लेकिन आज भी BCA, PGDCA, MCA, व भारत सरकार के Communication Department द्वारा अधिकृत O-Level, A-Level, B-Level व M-Tech Level तक के Courses में भी “C” Language के किसी न किसी रूप को जरूर पढाया जाता है। इसलिए नहीं क्योंकि ये परम्परा है बल्कि इसलिए क्योंकि सभी Software व Programming Languages कहीं न कहीं “C” Language पर ही आधारित हैं। उदाहरण के लिए :
- Windows, UNIX, Linux आदि Operating Systems, Oracle Database, MySQL, MSSQL Server, IIS, Apache Web Server, PHP आदि सभी “C” Language में ही Develop किये गए हैं।
- Mobile Platforms, Satellite Connected Software, Set Top Box आदि के Software भी “C” Language में ही Develop किये गए हैं।
- iPhone व iPad की के Apps को भी Objective C नाम की “C” Language में ही Develop किया जाता है।
- सभी तरह के Embedded Software, Device Drivers व Network Drivers “C” Language में ही बनाये जाते हैं।
- विभिन्न प्रकार की Programming Languages के Assemblers, Compilers, Interpreters, व विभिन्न प्रकार के Micro-Controllers व OS Kernels को भी “C” Language में ही बनाया जाता है।
- ज्यादातर Multimedia Programs जैसे कि Games, Sound Editing Software, Video Editing Software, Animation Programs आदि को भी मूल रूप से “C” Language में ही बनाया गया है, क्योंकि “C” Language की Performance किसी भी अन्य Programming Language की तुलना में ज्यादा अच्छी होती है।
- “C” Language ही एक ऐसी Programming Language है, जिसका प्रयोग किसी भी Computer या Digital Electronic Device के Hardware को Directly Access करने के लिए किया जा सकता है। यानी “C” Language का प्रयोग Low Level Hardware Programming के लिये भी बहुत ज्यादा किया जाता है।
- केवल “C” Language में ही ऐसी क्षमता है जो Assembly Language को Inline Assembly के रूप में उपयोग में ले सकता है व किसी भी Device के Hardware (Memory, CPU, etc…) को Directly Access कर सकता है।
यानी यदि हम चाहें तो “C” Language का प्रयोग करके ऐसे Virus Create कर सकते हैं, जो किसी Device को Permanently Damage कर दे और ये क्षमता “C” Language के अलावा और किसी भी Programming Language में नहीं है। क्योंकि किसी Device के Physical Architecture को Directly Access करने की क्षमता केवल “C” Language में ही है। इसलिए यदि आप I.T. Field मे है, और Programming Sector मे ही अपना Career बनाना चाहते हैं, तो “C” Language को आपको अच्छी तरह से सीखना ही पडेगा।
उपरोक्त Discussion से ये सारांश न निकालें कि “C” Language केवल Hardware Level Programmingके लिए ही उपयोगी है। वास्तव में “C” Language किसी भी अन्य Programming Language की मां की तरह है, इसलिए यदि “C” Language को ठीक से नहीं समझा, तो आप कभी भी अच्छे Software Developer नहीं बन सकते।
क्योंकि “C” Language केवल एक Programming Language ही नहीं है, बल्कि ये एक ऐसी Language है, जो आपको Computer या Hardware की भाषा में सोंचना व समझना सिखाती है और जब तक आप Hardware की भाषा में सोंचना व समझना नहीं सीखते, तब तक आप ये नहीं जान सकते कि वास्तव में कोई मशीन किस तरह से काम कर रही है और किसी Program द्वारा उसे कैसे Control किया जा सकता है। फिर भले ही वह मशीन आपका Computer System हो या आपका Mobile Phone या आप आपका Calculator
“C” Programming Language को आसानी से सीखने के लिए हमने “C Programming Language in Hindi” पुस्तक तैयार की है, जो आपको Step by Step न केवल Programming सिखाती है, बल्कि आपको ये भी बताती है कि कोई Program किस तरह से किसी मशीन को कोई Specific काम करने के लिये Instruct करता है और वह मशीन उस प्रोग्राम के आधार पर आपका मनचाहा काम करने लगती है।
इन code का मतलब मै आपको अगले पेज में बताऊंगा |
C PROGRAM IN HINDI
C programming language इस दुनीया की सबसे ज्यादा लोकप्रिय programming भाषा है |
इसे 1972 में Dennis Ritchie(डेनिस रित्ची) द्वारा USA(अमेरिका) के Bell Labs में बनाया जाया था | इसको बनाने के पीछे का मुख्य उदेश्य UNIX operating system था |1980 के दशक के
दौरान, सी वाणिज्यिक सॉफ्टवेयर को विकसित करने के लिए पसंद की भाषा बन गई। ये बहुत मूल रूप से सिस्टम सॉफ्टवेयर लिखने के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने बाला प्रोग्रामिंग भाषा है |कई operating systems जैसे Linux, Windows, और Mac में इसका उपयोग हुआ है|
इसे 1972 में Dennis Ritchie(डेनिस रित्ची) द्वारा USA(अमेरिका) के Bell Labs में बनाया जाया था | इसको बनाने के पीछे का मुख्य उदेश्य UNIX operating system था |1980 के दशक के
दौरान, सी वाणिज्यिक सॉफ्टवेयर को विकसित करने के लिए पसंद की भाषा बन गई। ये बहुत मूल रूप से सिस्टम सॉफ्टवेयर लिखने के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने बाला प्रोग्रामिंग भाषा है |कई operating systems जैसे Linux, Windows, और Mac में इसका उपयोग हुआ है|
c program बनाने के लिए आपके कंप्यूटर में एक सॉफ्टवेर चाहिय जिसे हम compiler कहते है |
compiler के बारे में हम आपको पहले भी बिस्तर से बता चुके है| internet पर कई तरह के compiler उपलब्द है |आप कोई भी compiler उसे कर सकते है | बैसे तो इंडिया के ज्यादा तर colage में Turbo c++ का उपयोग होता है लेकिन शुरु में मै आपको Bloodshed Dev-Cpp उपयोग करने की सलाह दूँगा |
इन्हे download करने के लिए आप Google पर c compiler के नाम लिखकर सर्च कर सकते है या मैंने निचे इनके वेबसाइट का पूरा address भी लिख दिया है |अगर आप चाहे तो इन लिंक पर क्लीक करके सीधे इनके वेबसाइट पर जा के बहां से इन compiler को download कर सकते है |
http://www.bloodshed.net/dev/devcpp.html
compiler के बारे में हम आपको पहले भी बिस्तर से बता चुके है| internet पर कई तरह के compiler उपलब्द है |आप कोई भी compiler उसे कर सकते है | बैसे तो इंडिया के ज्यादा तर colage में Turbo c++ का उपयोग होता है लेकिन शुरु में मै आपको Bloodshed Dev-Cpp उपयोग करने की सलाह दूँगा |
इन्हे download करने के लिए आप Google पर c compiler के नाम लिखकर सर्च कर सकते है या मैंने निचे इनके वेबसाइट का पूरा address भी लिख दिया है |अगर आप चाहे तो इन लिंक पर क्लीक करके सीधे इनके वेबसाइट पर जा के बहां से इन compiler को download कर सकते है |
http://www.bloodshed.net/dev/devcpp.html
इन compiler को ठीक उसी तरह install करे जैसे दुसरे software को करते है | इसे install करना बहुत आसान है ।
अब हम अपना सबसे पहला c program लिकने जा रहे है |मैं यहाँ Bloodshed Dev-Cpp compiler का उपयोग कर रहा हूँ |
सबसे पहले अपना compiler पर दो बार क्लिक करके उसे खोल लें (जैसे किसी Folder या software को on करते है )
या Start>> प्रोग्राम >> Dev-Cpp और enter दबाएं |
सबसे पहले अपना compiler पर दो बार क्लिक करके उसे खोल लें (जैसे किसी Folder या software को on करते है )
या Start>> प्रोग्राम >> Dev-Cpp और enter दबाएं |
उसके बाद निम्नलिखित चित्रों में देखिये :-
File पर क्लिक करीये |
अब new पर click करीये |
इन code को copy करके अपने compiler पर paste कीजिए |
अब new पर click करीये |
इन code को copy करके अपने compiler पर paste कीजिए |
#include main() { printf("Hello World!\n"); system("pause"); }
इन code का मतलब मै आपको अगले पेज में बताऊंगा |
याद रखें के code को save करते बक्त उसका नाम के अंत में .c लिखना ना बुलें बरना program RUN नहीं हो पायेगा |
save करने के बाद program को compile करना होता है |
compile करने के बाद इसे Run करे | अगर आपका programme सही से compile हो गया है तो आपका कोड run हो जायेगा । जब programme Run होगा तो एक काला रंग का स्क्रीन आप के कंप्यूटर पर खुल कर आ जायेगा और उसपर Hello World लिखा रहेगा ।
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