रविवार, 9 सितंबर 2018

मै थका सा हु

मै थका सा हु 

मुझे कुछ पल तन्हा बिताने दो
यकीन नहीं होता मै थका सा हु
अरे ओ चहकते पंछियों
तुम कही और जाओ
मुझे आपने अन्तर्मन से
दो चार पल बात तो करने दो
यकीन नहीं होता मै थका सा हु
यूँ बेवजह ना परेशान कर
रे बयार क्यों इतना लड़खड़ा रही है
मुझे चार कदम तन्हा तो चलने दो
यकीन नहीं होता मै थका सा हु
अभी चंद पल हुए है उससे बिछड़े हुए
लगता है जैसे मै निर्जीव सा हु
मस्तिष्क को भी इजाजत नहीं है
कुछ पल उसे भी सोचने तो दो
यकीन नहीं होता मै थका सा हु  

अब तो लगता है इस हृदय को
जैसे वसंत में भी पतझड़ है
बस यही तमन्ना है विकास की
उसे भी कुछ पल तन्हा बिताने दो 

यकीन है वो भी थके से होंगे 

विकास सैनी श्रीमाली

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